Monday, May 6, 2013

घोटालों के सरदार है मनमोहन


घोटालों के सरदार है मनमोहन
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की कांग्रेस सरकार नें घोटालों के नए रिकार्ड बनाए हैं। वे सत्ता के लालच में वे घोटालों के सरदार बने हुए हैं। जांच ब्युरों के सर्वोच्च न्यायालय में दिए गए शपथ पत्र के बाद उन्हें पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं रहा है।
कोयले की कालिख से देश को लज्जित किया
मनमोहन सिंह स्वयं कोयला मंत्रालय को देख रहे थे, जब सारे नियमों को धत्ता बताते हुए कोयला खानों के आवंटन में अरबों रुपयों का घोटाला हुआ। जांच प्युरों के प्रतिवेदन को बदलवानें में प्रधानमंत्री कार्यालय की सक्रिय भूमिका और विधि मंत्री की संलिप्तता देश के सामने आ चुकी है। सरकार रेडियो तरंगों के घोटालों में भी दोषियों को बचाने के लिए संसदीय जांच समिति का दुरुपयोग कर रही है। कांग्रेस पार्टी और सरकार नें घोटालों की कालिख से देश को लज्जित किया है।
करोड़ो में हो रहा नियुक्तियों का खेल
कांग्रेस सरकार में नोट लेकर मलाईदार पदों पर नियुक्तियों का खेल पुराना है। रेल मंत्री पवन बंसल का किस्सा इस अंतहीन श्रृंखला की एक नई कड़ी मात्र है। रिश्वतखोरी के इतने स्पष्ट प्रमाणों की अनदेखी करके क्यों बंसल को बचाया जा रहा है? बोफोर्स में जिस लज्जाहीनता से गांधी परिवार और क्वात्रोचि को बचाया गया, क्या वही कहानी फिर से दोहराई जा रही है। रेलमंत्री और विधि मंत्री का पद पर बना रहना देश का अपमान है।
भारत की वैश्विक शक्ति की साख को गंभीर आघात
चीनी घुसपैठ पर भारत सरकार की लाचारी और पाकिस्तान, बांगलादेश, श्री लंका और मालदीव जैसे देशों के प्रति नीति में अस्पष्टता के कारण भारत की वैश्विक महाशक्ति के दावों पर गंभीर आघात लगा है। आज तो भारत एक क्षेत्रीय शक्ति के रुप में भी अपनी साख गवां रहा है। सरकार स्पष्ट करें कि अपनी ही सीमाओं से भारतीय सेना को पीछे हटाने की क्या विवशता है। वियतनाम जैसे छोटे देश नें भी चीन के अहंकार का मुंहतोड़ जवाब दिया था। पाकिस्तान के साथ देशहित विरोधी नीतियों क्यों अपनाई जा रही है।
कांग्रेस सरकार नें शासन की विश्वसनीयता खो दी
यह स्पष्ट है कि कांग्रेस की कायरतापूर्ण नीतियों के कारण भारत की सुरक्षा पर गंभीर खतरे उत्पन्न हो गए हैं। आज विकास अवरुद्ध हो गया है। विदेशों में भारत की साख को बट्टा लग गया है। जनता के धन को खुलेआम लुटा जा रहा है। केन्द्र सरकार भ्रष्टाचार की सबसे बड़ी पोषक बन गई है। केन्द्र की कांग्रेस नीत संप्रग सरकार नें शासन करने की विश्वसनीयता खो दी है। दामादों और भानजों के माध्यम से भ्रष्टाचार के नूतन प्रयोग किए जा रहे हैं।