Saturday, December 29, 2012

सरकार की न साख है न विश्वनीयता


सरकार की न साख है न विश्वनीयता

सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता की मृत्यु देश के सामने एक यक्ष प्रश्न छोड़ गई है। ईश्वर उसकी आत्मा को चिर शांति दे। इस घटना ने विश्व में भारतीय शासन की अपकीर्ति को ही फैलाया है। जनमानस में न सरकार की साख है, न ही विश्वनीयता है।

यह समय अपराध न्याय व्यवस्था और पुलिस प्रणाली में समूल परिवर्तन का है। लोकतांत्रिक अधिकारों के प्रति संवेदनशीलता, विरोध प्रदर्शनों के समय मौलिक अधिकारों का सम्मान और अपराधियों में विधि का भय का वातावरण बनाने के लिए पुलिस को उत्तरदायी बनाने का समय आ गया है।

भारतीय गृह मंत्री महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में शिथिलता रखने, लापरवाही करने एंव चूक करने वाले दोषी पुलिस कर्मियों को दण्डित करने के विधिक प्रावधान करने के सुझाव स्वीकार करें। महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के न्यायालय में विचारण और निर्णय की अधिकतम समय सीमा 6 माह कर दी जानी चाहिए। गम्भीर अपराधों में मृत्युदण्ड और न्युनतम सजा 5 वर्ष करने का सुझाव भी माना जाए।

Tuesday, December 25, 2012


एकल गेज और नदियों को जोड़ने को दें प्राथमिकता
देश के दीर्घकालीन विकास का आधार सुदृढ़ संरचना एवं परिवहन व्यवस्था ही है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी नें इस क्षेत्र में पहल की थी। उन्होंने षट्पथी एवं चतुष्पथी सड़को का जाल देश में बिछाया। रेल संरचना में तिव्र गति से वृद्धि की। देश की सभी नदियों को परस्पर जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना बनाई।

देश को अकाल, बाढ़ एवं पेयजल संकट से मुक्त करने का उपाय सभी नदियों को परस्पर जोड़ना ही है। भारत पाकिस्तान जल समझौता में 1948 में हुई सहमति को पुनः लागु किया जाना चाहिए। इसी प्रकार रेल परिवहन को सर्वसुलभ बनाने के लिए सारे देश में एकल गेज की व्यवस्था युद्ध स्तर पर की जानी चाहिए। हम अटल जी की इन योजनाओं को पुरा करके ही देश को विश्व की महाशक्ति बना सकते है।

मुझे आज पुर्वाह्न अटल जी के निवास पर जाकर जन्मदिवस पर उन्हे बधाई देने का अवसर मिला। ईश्वर उन्हें दीर्घायु एवं स्वस्थ जीवन प्रदान करें। अटल जी ने वैचारिक प्रतिबद्धता, असीम संकल्प शक्ति एवं सतत कार्यरत् रहकर एक सामान्य परिवार में जन्म लेकर भी सत्ता के शिखर को छुआ था। उनका जीवन युवाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है।

Monday, December 24, 2012

सरकार का दमनकारी चेहरा आया सामने


सरकार का दमनकारी चेहरा आया सामने

दिल्ली में सरकार का तानाशाही चेहरा प्रकट हो गया है। शांति के नाम पर निर्दोष प्रदर्शनकारियों, समाचार कर्मियों एवं महिलाओं को जम कर पीटा गया। कड़कड़ाती सर्दी में ठण्डे पानी की तेज बौछारें की गई। अश्रुगेस के गोले दागे गए।

सरकार नें ठुकराए भाजपा के सुझाव
भाजपा के सरकार को विशेष सत्र बुला कर यौन दुष्कर्म के गंभीर अपराधों में मृत्युदण्ड का प्रावधान करने, राजधानी में जन विश्वास जागृत करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने और पुलिस व्यवस्था में संयम रखने के सझावों को केन्द्र सरकार ने ठुकरा दिया है। भाजपा राष्ट्रपति से मिल कर जन आक्रोश पर विशेष सत्र की मांग करेगी।

जनता की आवाज कुचली जा रही है
काग्रेंस नीत केन्द्र सरकार जनता की आवाज दबाने का कुप्रयास कर रही है। गृहमंत्री छात्रों की तुलना माओवादियों से कर रहे है। जनता के प्रदर्शन करने के अधिकार कुचले जा रहे है। सरकार नें मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए है। आवागमन बाधित कर दिया गया है। बाबा रामदेव और अन्ना हजारे के आंदोलनों को भी इस प्रकार कुचला गया था। आधी रात को सोए हुए निर्दोष नागरिकों की बर्बर पिटाई की गई थी।

प्रधानमंत्री की कथनी और करनी में अतंर
प्रधानमंत्री ने अपना संदेश देने में 7 से अधिक दिन लगाए। प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि वे दुःखी है। जन आक्रोश को सही मानते है। तो फिर जनता पर लाठियाँ क्यों भांजी गई। दिल्ली पुलिस के दोषी अधिकारियों पर कोई कारवाई क्यों नहीं की जा रही है। हिंसा का ताण्डव पुलिस ने ही प्रारम्भ किया था।

अपराध न्याय व्यवस्था में हो त्वरित सुधार
सरकार देश की अपराध न्याय व्यवस्था में त्वरित सुधार करें। अपराधियों में विधि का भय ही समाप्त हो गया है। अनुसंधान में कमी, न्यायालयों में विलम्ब और पीड़ित पक्ष की उपेक्षा के कारण अपराधों में भारी वृद्दि हो रही है। अपराधिक न्याय व्यवस्था में समग्र सुधार का समय निकलता जा रहा है। 

Friday, December 21, 2012

जनता का काग्रेंस से मोहभंग





जनता का काग्रेंस से मोहभंग



गुजरात में भाजपा की ऐतिहासिक विजय विकास एवं राष्ट्रवादी चिंतन के प्रति जन समर्थन की अभिव्यक्ति है। जनता का काग्रेंस से मोहभंग हो गया है। अब देश काग्रेंस की साम्प्रदायिक एवं जातिवादी नीतियों को सहने को तैयार नहींहै। नरेन्द्र भाई मोदी के नेतृत्व में गुजरात के विश्वास से सुशासन और विकास राजनीति के केन्द्र में आऐंगे।

भारी दुष्प्रचार, अपार संसाधनों का उपयोग, सरकारी अधिकरणों का खुला दुरुपयोग भी काग्रेंस को गुजरात में सफल नहीं बना सका। हिमाचल प्रदेश में भी काग्रेंस दुष्प्रचार एवं अपार संसाधनों के कारण जनता में भ्रम उत्पन्न करनें में सफल रही। कुशासन, अदूरदर्शिता एवं दिशाहीन नेतृत्व के कारण ही राजस्थान कांग्रेस के शासनकाल में विकास के सभी मानदण्डों में पिछड़ गया है। अब जनता यहाँ पर भी कांग्रेस को सबक सिखाने को आतुर है। सारे देश में कांग्रेस कुशासन, भ्रष्टाचार और जन विरोधी नीतियों का पर्याय बन गई है।

Friday, December 14, 2012

मंहगाई, भ्रष्टाचार एवं आतंक है सरकार की पहचान


मंहगाई, भ्रष्टाचार एवं आतंक है सरकार की पहचान

राजस्थान में संवेदनहीनता, भ्रष्टाचार, मंहगाई एवं आतंक सरकार की पहचान बन चुकी है। राज्य की जनता असुरक्षित और गुण्डो के आतंक में जीने को विवश है। फिरौती, हत्या, लुटपाट सारे राजस्थान में सामान्य बात हो गई है। विकास और राहत के मुख्यमंत्री के दावे सरासर झुंठे है। भारी बेकारी के कारण राजस्थान के युवाओं का भविष्य धुमिल होता जा रहा है।

राज्य में परिवहन ढ़ांचा अस्त व्यस्त हो चुका है। भारी करारोपण एवं भ्रष्टाचार के कारण 5000 से अधिक निजी बसों में से 3500 बंद हो चुकी है। निगम की बस सेवाओं में भी कोई वृद्धि नहीं हुई है। सारे राज्य में रसोई गेस टंकियों की मारामारी मची हुई है। टंकियों में कालाबाजारी ने 1970 के दशक की याद दिला दी है। 5 लाख उपभोक्ताओं के गेस संयोजन काट दिए गए। गांवों में बिजली की उपलब्धता बहुत कम है।

खनन क्षेत्रों में सड़को की स्थिति भयावह है। ग्रामीण अचंलो में सड़क निर्माण ठप्प हो गया है। आमान परिवर्तन, नए रेलपथों का निर्माण एवं नई रेल गाड़ियों के संचालन में सरकार राज्य हितों की सुरक्षा नहीं कर पाई है।

राजस्थान में सरकार प्रभाहीन हो गई है। नोकरशाही बेलगाम है। सत्ता दल के विधायकों की बात भी नोकरशाही नहीं मान रही है। काग्रेंस पार्टी में गुटबंदी चरम पर है। सत्ता पक्ष भ्रष्टाचारियों एवं अपराधियों को संरक्षण दे रहा है। सरकार की सारी उर्जा केवल पूर्व मुख्यमंत्री के विरुद्ध मिथ्या आरोपों में लग रही है।

सभी विधवाओं को एक समान दर से जीवन वृति दी जानी चाहिए। बालिकाओं को साइकल वितरण के स्थान पर नकद राशि दी जाए ताकि वे अपनी पसंद का वाहन खरीद सकें।

Tuesday, December 11, 2012

वालमार्ट और रिश्वत का है लम्बा सबंध

वालमार्ट पर अमेरिका में हुए प्रकटीकरण नें खुदरा व्यापारियों में विदेशी निवेश की अनुमति पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है। काग्रेंस पार्टी की नीतियों में आया भारी परिवर्तन एवं अन्य दलों का अपने घोषित पक्ष से अन्यथा आचरण में क्या तथाकथित पक्षीय प्रचार का हाथ है? देश की जनता यह जानना चाहती है।

वालमार्ट का रिश्वत से काम करवाने का लम्बा इतिहास है। मेक्सिको में रिश्वत देने के आरोपों पर इसके विरुद्ध जाँच चल रही है। विदेशी बहुराष्ट्रीय कम्पनीयाँ जनमत एवं सरकारी नीतियों को प्रभावित करने के लिए धनबल का बहुलता से प्रयोग करती है। 2जी रेडियो तरंगो, राष्ट्रमण्डल खेलों और नीरा राडिया प्रकरण में विदेशी निगमों की भूमिका को देश अब भी नहीं भूला है। जनता को यह सच जानने का अधिकार है कि वस्तुत: किस किस को कितना माल मिला है।

काग्रेंस अध्यक्ष, प्रधानमंत्री एवं अन्य काग्रेंसी नेता नरेन्द्र भाई मोदी के विरुद्ध अर्नगल कथन एवं भारी दुष्प्रचार कर रहे है, लेकिन वे वालमार्ट पर मौन है।