Tuesday, January 28, 2014

कांग्रेस 84 के दंगों की दोषी है

कांग्रेस 84 के दंगों की दोषी है
1984 में सिक्खों के विरुद्ध देश भर में हुई व्यापक हिंसा के लिए कांग्रेस दोषी है। तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उनकी सरकार नें हिंसा रोकने के लिए त्वरित प्रयास नहीं किए थे। विभाजन के बाद ये देश की सबसे बड़े दंगे थे।

राहुल गांधी दंगो एवं भ्रष्टाचार पर देश को भ्रमित कर रहे हैं। उनके प्रथम टीवी साक्षात्कार में निराशा और हताशा स्पष्ट दिख रही थी। नरेन्द्र मोदी देश में सुशासन, विकास और भारत की विदेशों में दृढ़ एवं स्वाभिमानी छवि के आधार पर समर्थन मांग रहे हैं। जबकि कांग्रेस के युवराज साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के आधार अपनी नैया पार लगाना चाह रहे हैं।


भाजपा एक व्यक्ति की सेना नहीं है। भाजपा में सामुहिक निर्णय, कार्यकर्ताओं की भागीदारी और सबको आगे आने का अवसर सामान्य प्रथा है। कांग्रेस अवश्य ही एक परिवार की जागीर बन कर रह गई है। विगत 10 वर्षों में कांग्रेस नें क्या किया, इस पर चुप्पी और भविष्य के लिए वादों से देश को भ्रमित नहीं किया जा सकता है। देश का भविष्य कांग्रेस के हाथों में सुरक्षित नहीं है। राहुल गांधी नें देश के निर्माण पर कोई स्पष्ट सोच नहीं दिखाई है। 

Tuesday, January 21, 2014

केजरीवाल नें किया महिलाओं का अपमान


केजरीवाल नें किया महिलाओं का अपमान
केजरीवाल नें नई दिल्ली में पत्रकारों को संबोधित करते हुए सामुहिक दुष्कर्म पर जो टिप्पणी की, वह अति निंदनीय है। यह उनकी महिलाओं के प्रति घटिया सोच को दिखाती है। यह महिलाओं का अपमान है।

केजरीवाल की टिप्पणी पर कांग्रेस के महिला नेताओं की चुप्पी दोनों पार्टियों में किसी गुढ़ समझौते् का स्पष्ट संकेत है। सारा देश जानता है कि किस प्रकार कांग्रेस की महिला नेताओं नें नरेन्द्र मोदी के विरुद्ध तथ्यहीन आरोपों पर मोर्चा खोला था। केजरीवाल नें धारा 144 का उल्लघंन किया, आवागमन को बाधित किया और पुलिस कर्मियों को विद्रोह के लिए भड़काया। किन्तु उनके और उनके साथियों के विरुद्ध दिल्ली पुलिस नें कोई प्रकरण नहीं बनाया। इसी पुलिस नें मेरे और भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं के विरुद्ध महिला आरक्षण की मांग को लेकर किए गए शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर पानी की बोछारें चलाई और राजकार्य में बाधा का प्रकरण बनाया।


कांग्रेस देश का ध्यान कुशासन, भ्रष्टाचार और महंगाई से हटाना चाहती है। इसीलिए आम पार्टी को आगे करके धरने की नोटंकी करवा रही है। इस धरने को प्रारम्भ करने से लेकर समाप्त करने तक का आलेख कांग्रेस पार्टी पहले ही लिख चुकी थी। पहले निलम्बन, फिर स्थानान्तरण और अंत में अवकाश पर समझौता एक सुविचारित नाटक की पटकथा ही है। 

Saturday, January 4, 2014

प्रधानमंत्री ने दिया महंगाई का उपहार


प्रधानमंत्री ने दिया महंगाई का उपहार 


प्रधानमंत्री ने 10 वर्षो तीसरी बार पत्रकार वार्ता की और जनता को महंगाई का उपहार दिया। वार्ता के दिन ही पेट्रोल,डीजल एवं रसोई गैस के मूल्यों में वृद्धि करके उन्होनें जन साधारण के प्रति गहरी संवेदनहीनता दिखायी है।

प्रधानमंत्री ने माना कि वे काग्रेंस सरकार में सत्ता के मुख्य केन्द्र नहीं है। वे भ्रष्टाचार, महंगाई एवं बेरोजगारी पर नियंत्रण करने में असफल रहे हैं। वे नरेन्द्र भाई मोदी से अन्य काग्रेंसी नेताओं के समान बुरी तरह से भयभीत है। अगले चुनावों में काग्रेंस की सारी आशाए आम आदमी पार्टी पर निर्भर है। वे काग्रेंस विरोधी मतों में विभाजन से सता की आशा संजोए हैं।

देश के लिए काग्रेंस का राज विनाशकारी रहा है। प्रधानमंत्री अपनी श्रेष्ठ उपलब्धियों में विगत 5 वर्षो का एक भी कार्य नहीं बता पाए। वे एक आज्ञाकारी नोकरशाह की तरह काग्रेंसी सत्ता के मुख्य केन्द्र की चाकरी भर करते रहे हैं। नरेन्द्र मोदी पर उनका बयान हास्यास्पद, हताशा से भरा हुआ और शालीनता की सीमाओं को लांगने वाला था। वे काग्रेंस पार्टी की कुत्सिल चालों वाले समूह के एक सदस्य भर है।

यह पत्रकार वार्ता एक असफल, हताश एवं लाचार प्रधानमंत्री की विदाई वार्ता थी। वे देश को कोई भी संदेश देने में भी विफल रहे।