भाजपा शासित राज्यों में पहले से ही है खाद्य सुरक्षा
कांग्रेस
खाद्य सुरक्षा अध्यादेश के
बहाने जनता को भ्रमित करने
का कुप्रयास कर रही है। भाजपा
शासित राज्यों में निर्धन
परिवारों को 4
वर्ष
पूर्व से ही 2रु.
किलो
गेहूँ दिया जा रहा है। न तो
इसके लिए किसी कानून की आवश्यकता
पड़ी,
नहीं
किसी भारी भरकम प्रचार अभियान
की। गुजरात और मध्यप्रदेश
में तो निर्धन परिवारों को
केन्द्रीय अध्यादेश से अधिक
सहायता दी जा रही है। भाजपा
की नीति जनता को सस्ते खाद्यान्न
के साथ ही किसानों को भी लाभदायी
मूल्य दिलवाने की है।
अध्यादेश
में किसानों को लाभदायी मूल्यों
का कोई प्रावधान नहीं है।
निर्धन परिवारों को खाद्यान्न
के साथ ही दालें भी अनुदानित
दरों पर दी जानी चाहिए। कुपोषण
एवं भुखमरी के निदान के लिए
यह आवश्यक है। शहरों में ऐसे
भोजनाल.यों
की व्यवस्था होनी चाहिए,
जहाँ
पर कम दरों पर गुणवत्तायुक्त
खाना मिलें। कांग्रेस की नीयत
में खोट साफ दिख रही है। 9
वर्षों
तक कुम्भकर्णी नींद सोने के
बाद अब चुनाव सामने देख कर
हड़बड़ी में अध्यादेश लाया
गया है। पर इससे निर्धन ,
मजदूर
और किसान को कोई अतिरिक्त लाभ
नहीं मिलने वाला है।
केन्द्र
सरकार वितरण प्रणाली में
भ्रष्टाचार को दूर करने कि
दिशा में तो सोच भी नहीं रही
है। वितरण व्यवस्था में गड़बड़ी
के कारण निर्धनों को पर्याप्त
राहत नहीं मिल पाती है।