Monday, September 26, 2011

गृह मंत्री एवं दिल्ली पुलिस आयुक्त के विरुद्ध चले परिवाद


सितम्बर 26, 2011

गृह मंत्री एवं दिल्ली पुलिस आयुक्त
के विरुद्ध चले परिवाद
दिल्ली पुलिस द्वारा की गई बर्बर पिटाई के कारण हुई राजबाला की मृत्यु पर लोकतंत्र समर्थकों में गहरा शोक छा गया है।  राजबाला ने लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा एवं भ्रष्टाचार के विरुद्ध संघर्ष में बलिदान दिया है। उन्हें शहीद का सम्मान दिया जाना चाहिए।  

केन्द्रीय गृह मत्री, गृह सचिव एवं दिल्ली पुलिस आयुक्त राजबाला की हत्या के षडयंत्र के लिए सीधे उत्तरदायी है। इन सभी के विरुद्ध आपराधिक परिवाद चलाया जाना चाहिए। शांतिपूर्वक प्रदर्शन पर बर्बर अत्याचार लोकतंत्र में अक्षम्य अपराध है। लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन करने वालों को एक क्षण भी किसी भी राजकीय पद पर बने रहने का अधिकार नहीं होना चाहिए।   

मानवाधिकार आयोग की इस प्रकरण में निष्क्रिय भूमिका क्षोभ जनक है।  

Sunday, September 25, 2011

राष्ट्र गौरव के प्रखर चिंतक थे पं. दीनदयाल उपाध्याय


राष्ट्र गौरव के प्रखर चिंतक थे पं. दीनदयाल उपाध्याय
पं. दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्र गौरव के प्रखर चिंतक थे भारतीय संस्कृति की व्याख्या करते हुए उन्हौंने नें कहा था कि सांस्कृतिक सहिष्णुता और कर्तव्य प्रधान जीवन इसके मूल आधार है। उपाध्याय जी की 95 वीं जयंति पर कृतज्ञ राष्ट्र उन्हें हार्दिक श्रृद्दा सुमन अर्पित करता है।एकात्म मानववाद और राष्ट्र हित सर्वोपरि की उनकी अवधारणाएं ही भारत को वैश्विक शक्ति बनाने का व्यवहारिक मार्ग है।

अभी राजनीति के प्रति जन साधारण में गहरा रोष व्याप्त है। दीनदयाल जी नें वर्षों पूर्व कहा था कि अवसरवादिता और सिद्धान्त हीनता के कारण राजनेता जन विश्वास खो देंगे। भारत की समस्याओं पर चर्चा में उन्हौंने कहा था कि राष्ट्रीय पहचान की उपेक्षा ही इसका मूल कारण है।

Monday, September 19, 2011

सबका साथ, सबका विकास!


नरेन्द्र भाई मोदी नें दिया एक नया मंत्र
सबका साथ, सबका विकास!
विकास में वोट बैंक की राजनीति घातक है।
पर कांग्रेस को सबका विकास होने की बात पची नहीं। आज सारे दिन कांग्रेसी नेता इस बात का बतंगड़ बना रहे थे कि मोदी जी नें इस्लामी टोपी क्यों नहीं पहनी।
इन्हें यह समझ नहीं है कि जो स्वयं के धर्म पर अडिग नहीं रह सकता है, वो कभी भी दुसरों के धर्म का सम्मान नहीं कर पाता है। दिखावे और पाखंड से सद्बावना नहीं बढ़ सकती है।
पिछले 100 वर्षों में यह पहली बार हुआ है कि गुजरात में 9 वर्षों तक कोई हिन्दू मुस्लिम दंगा नहीं हुआ है। इस क्षेत्र में कई स्थानों पर तो वर्षों दंगे चलते रहने का इतिहास रहा हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि गुजरात में सबका विकास एक वास्तविकता है। पूरे देश में इसे अपनाया जाना चहिए।