सितम्बर 26, 2011
गृह मंत्री एवं दिल्ली पुलिस आयुक्त
के विरुद्ध चले परिवाद
दिल्ली पुलिस द्वारा की गई बर्बर पिटाई के कारण हुई राजबाला की मृत्यु पर लोकतंत्र समर्थकों में गहरा शोक छा गया है। राजबाला ने लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा एवं भ्रष्टाचार के विरुद्ध संघर्ष में बलिदान दिया है। उन्हें शहीद का सम्मान दिया जाना चाहिए।
केन्द्रीय गृह मत्री, गृह सचिव एवं दिल्ली पुलिस आयुक्त राजबाला की हत्या के षडयंत्र के लिए सीधे उत्तरदायी है। इन सभी के विरुद्ध आपराधिक परिवाद चलाया जाना चाहिए। शांतिपूर्वक प्रदर्शन पर बर्बर अत्याचार लोकतंत्र में अक्षम्य अपराध है। लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन करने वालों को एक क्षण भी किसी भी राजकीय पद पर बने रहने का अधिकार नहीं होना चाहिए।
मानवाधिकार आयोग की इस प्रकरण में निष्क्रिय भूमिका क्षोभ जनक है।
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