प्रधानमंत्री ने दिया महंगाई का उपहार
प्रधानमंत्री ने 10 वर्षो तीसरी बार पत्रकार वार्ता की और जनता को महंगाई का उपहार दिया। वार्ता के दिन ही पेट्रोल,डीजल एवं रसोई गैस के मूल्यों में वृद्धि करके उन्होनें जन साधारण के प्रति गहरी संवेदनहीनता दिखायी है।
प्रधानमंत्री ने माना कि वे काग्रेंस सरकार में सत्ता के मुख्य केन्द्र नहीं है। वे भ्रष्टाचार, महंगाई एवं बेरोजगारी पर नियंत्रण करने में असफल रहे हैं। वे नरेन्द्र भाई मोदी से अन्य काग्रेंसी नेताओं के समान बुरी तरह से भयभीत है। अगले चुनावों में काग्रेंस की सारी आशाए आम आदमी पार्टी पर निर्भर है। वे काग्रेंस विरोधी मतों में विभाजन से सता की आशा संजोए हैं।
देश के लिए काग्रेंस का राज विनाशकारी रहा है। प्रधानमंत्री अपनी श्रेष्ठ उपलब्धियों में विगत 5 वर्षो का एक भी कार्य नहीं बता पाए। वे एक आज्ञाकारी नोकरशाह की तरह काग्रेंसी सत्ता के मुख्य केन्द्र की चाकरी भर करते रहे हैं। नरेन्द्र मोदी पर उनका बयान हास्यास्पद, हताशा से भरा हुआ और शालीनता की सीमाओं को लांगने वाला था। वे काग्रेंस पार्टी की कुत्सिल चालों वाले समूह के एक सदस्य भर है।
यह पत्रकार वार्ता एक असफल, हताश एवं लाचार प्रधानमंत्री की विदाई वार्ता थी। वे देश को कोई भी संदेश देने में भी विफल रहे।
जिसके पास जो रहता है वही देता है ..उनके पास महंगाई है वही देते फिरते हैं ...