नववर्ष पर मंगलकामना
नववर्ष आपके जीवन में शुभ, लाभ, यश एवं आनंद की वृद्धि करें, ईश्वर से यही विनती है।
शालिवाहन नें चेतना शून्य, पौरुषहीन एवं कायर जनमानस में आत्म विश्वास, पराक्रम और स्वाभिमान की भावना का संचार कर मानों मिट्टी के पूतलों को सजीव बना दिया। और इस सजीव जनशक्ति के बल पर आसुरी सेना को पराजित कर देव शक्तियों की प्रतिष्ठा की। इस प्रकार शालीवाहन संवत का प्रारम्भ हुआ।
वीर विक्रमादित्य नें अतुलित बल, अपरिमित ऐश्वर्य और अतुलनीय न्याय व्यवस्था के साथ भारत की विजय पताका फहराई। इस स्मृति में विक्रम संवत प्रारम्भ हुआ।
आज के पावन दिवस पर ही भगवान राम नें बाली की आसुरी राज व्यवस्था को परास्त कर सुग्रीव की जनहितकारी व्यवस्था स्थापित की। इसीलिए आज के दिन घर घर में गुड़ियाँ (विजय पताकाएं) फहराने की प्रथा प्रारम्भ हुई।
यह उत्सव मृत मानव चेतना को पुनर्जीवित कर प्रभुकार्य में नियोजित करने के संकल्प का पर्व है। आज देश को पुनः गौरव के सिंहासन पर बैठाने के लिए राष्ट्रवादी शक्तियों को सशक्त बनाने की आवश्यकता है।
आइये, हम संकल्प लें कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सशक्त भारत समृद भारत का सपना साकार करने के लिए भाजपा को विजयी बनायेंगे।
पुनः आप पर ईश्वर की अनुकम्पा बनी रहें और आप कर्तव्य पालना में सक्षम बनें रहे, यही मंगलकामना है।
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