Sunday, July 3, 2011

महान क्रांतिकारी एवं दूरदर्शी राजनेता थे वीर सावरकर


जुलाई 3, 2011

महान क्रांतिकारी एवं दूरदर्शी राजनेता
थे वीर सावरकर: किरण

3 जुलाई को वीर सावरकर के अण्डमान जेल जाने के 100 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। वीर सावरकर को 4 जुलाई, 1911 को बंदी वनाया गया था।

वीर सावरकरमहान क्रांतिकारी, चिंतक, सिद्धहस्त लेखक, कवि, ओजस्वी वक्ता तथा दूरदर्शी राजनेता थे। वे पहले भारतीय थे जिसने सन् 1906 में 'स्वदेशी' का नारा दे, विदेशी कपड़ों की होली जलाई थी। वे पहले भारतीय थे जिन्होंने पूर्ण स्वतंत्रता की मांग की। वे पहले भारतीय थे जिन्होंने सन् 1857 की लड़ाई को भारत का 'स्वाधीनता संग्राम' बताते हुए लगभग एक हजार पृष्ठों का इतिहास 1907 में लिखा।   

आज यदि आधा पंजाब और आधा बंगाल भारत में है तो  उसके लिए हम वीर सावरकर के ऋणी है। जब कांग्रेस नें कायरता और सत्ता के लालच में विभाजन स्वीकार कर लिया तो, ब्रिटिश योजना पूरे बंगाल और पंजाब को पाकिस्तान में सम्मिलित करने की थी। वीर सावरकर नें ही इन प्रांतों के हिन्दू बहूल क्षेत्रों को भारत में रखने का अभियान चलाया था। उन्होंने १८५७ के प्रथम स्वातंत्र्य समर का सनसनीखेज खोजपूर्ण इतिहास लिख कर ब्रिटिश शासन को हिला डाला था।

वीर सावरकर को नमन करते समय अटलजी की ये पंक्तियां स्मरण हो आती है।
याद करें काला पानी को, अंग्रेज़ों की मनमानी को,
कोल्हू में जुट तेल पेरते, सावरकर की बलिदानी को।

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