Sunday, August 28, 2011


लोकपाल पर संघर्ष में दिखी अहिंसा की ताकत

लोकपाल विधेयक पर जन संघर्ष में अहिंसा की ताकत के दर्शन हुए हैं। इसने जय प्रकाश नारायण के संघर्ष की स्मृतियां ताजा कर दी है। जन शक्ति के आगे निरंकुश सत्ता असहाय और दुर्बल होती है। जन भावनाओं की आंधी में कांग्रेस की कुटिलता और निर्लज्जता तिनको की तरह ढ़ह गई।

श्री अन्ना हजारे के संघर्ष नें हमारे लोकतंत्र की शक्ति और गहराई को और अधिक सशक्त किया है। देश में भ्रष्टाचार के विरुद्ध बने वातावरण का उपयोग कर भ्रष्टाचार मुक्त शासन व्यवस्था बनाने का दायित्व अब सरकारों पर है। देश में कानूनों की अधिकता और जटिलता भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा कारण है। आज सभी कानूनों की समग्र समीक्षा की आवश्कता है।

जिस प्रकार बाबा रामदेव और अन्ना हजारे जी के आंदोलन को कुचलने के दुष्प्रयास किए गए, वह लोकतंत्र के लिए गम्भीर खतरा है। इस प्रकार की तानाशाही प्रवृतियों की अनदेखी घातक होगी। प्रतिपक्ष के चरित्र हनन के लिए मिथ्या आरोपों का सतत अभियान कांग्रेस की परम्परा रही है। आज भी राजस्थान में और अन्यत्र भी कांग्रेस ऐसा ही कर रही है।

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