वालमार्ट
पर अमेरिका में हुए प्रकटीकरण
नें खुदरा व्यापारियों में
विदेशी निवेश की अनुमति पर
प्रश्न चिन्ह लगा दिया है।
काग्रेंस पार्टी की नीतियों
में आया भारी परिवर्तन एवं
अन्य दलों का अपने घोषित पक्ष
से अन्यथा आचरण में क्या तथाकथित
पक्षीय प्रचार का हाथ है?
देश की जनता
यह जानना चाहती है।
वालमार्ट
का रिश्वत से काम करवाने का
लम्बा इतिहास है। मेक्सिको
में रिश्वत देने के आरोपों
पर इसके विरुद्ध जाँच चल रही
है। विदेशी बहुराष्ट्रीय
कम्पनीयाँ जनमत एवं सरकारी
नीतियों को प्रभावित करने के
लिए धनबल का बहुलता से प्रयोग
करती है। 2जी
रेडियो तरंगो, राष्ट्रमण्डल
खेलों और नीरा राडिया प्रकरण
में विदेशी निगमों की भूमिका
को देश अब भी नहीं भूला है।
जनता को यह सच जानने का अधिकार
है कि वस्तुत: किस
किस को कितना माल मिला है।
काग्रेंस
अध्यक्ष, प्रधानमंत्री
एवं अन्य काग्रेंसी नेता
नरेन्द्र भाई मोदी के विरुद्ध
अर्नगल कथन एवं भारी दुष्प्रचार
कर रहे है, लेकिन
वे वालमार्ट पर मौन है।
No comments:
Post a Comment