Saturday, November 9, 2013

कांग्रेस नें बिगाड़ा देश का इतिहास व भूगोल

कांग्रेस नें बिगाड़ा देश का इतिहास व भूगोल
भारत के इतिहास और भूगोल के साथ कांग्रेस नें खिलवाड़ किया है। 1947 में स्वतंत्रता के साथ ही भारत का विभाजन कांग्रेस की सत्ता लोलुपता और कायर नीतियों का परिणाम थी। 1962 में चीन नें भारत की हजारों किं.मी. भूमि पर कब्जा कर लिया। 1971 के युद्ध में भारत की ऐतिहासिक विजय हुई थी। किन्तु भारत की पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान का छम्ब सेक्टर में किए गए छोटे से कब्जे को शांति के नाम पर स्वीकार कर लिया गया था। 1992 से 1997 के कार्यकाल में समझोते के नाम पर बांगलादेश को भारतीय भूभाग दे दिया गया।
देश के स्वर्णिम इतिहास के प्रति कांग्रेस के खिलवाड़ पर तो हजारों पृष्ट लिखे जा सकते हैं। इनके लिए राम एक काल्पनिक पात्र है। समुद्र सेतु का अस्तित्व नहीं है। महाराणा प्रताप और वीर शिवाजी महानायक नहीं विद्रोही मात्र थे। देश की आजादी पर केवल कांग्रेस के एक परिवार का ही अधिकार है।
आज देश कांग्रेस से भ्रष्टाचार, महंगाई, अवरुद्ध विकास, रोजगार में कमी, आतंकवाद, सीमा पर मंडराते खतरे पर जवाब मांग रहा है। कांग्रेस के बड़बोले नेताओं के साथ ही अखण्ड मोन व्रती भी इतिहास और भुगोल की चर्चा में यक्ष प्रश्नों को गोल कर रहे हैं। नरेन्द्र मोदी विकास और सुशासन की राजनीति को मुख्य धारा में लाना चाहते हैं। किन्तु कांग्रेस के नेता साम्प्रदायिकता और वैमनस्य की राजनीति को छोड़ना ही नहीं चाहते हैं।
रुपये का मूल्य आर्थिक स्थिति की तस्वीर दिखाता है। अटल जी की सरकार के समय 40 रुपयों में एक डालर आता था। आज एक डालर का भाव 62 रुपया है।

कांग्रेस मुक्त भारत, विश्व शक्ति भारत

Monday, November 4, 2013

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रहार


अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रहार

मतदान पूर्व और पश्चात सर्वेक्षण लोकतांत्रिक देशों में व्यापक रुप से प्रचलित है। यह जन भावनाओं का आकलन करने की सांख्यकि विधि पर आधारित है। निर्वाचन आयोग में कांग्रेस समर्थित अधिकारियों की भरमार है। इसलिए इस बार निर्वाचन आयोग प्रचार प्रसार के कार्यों को बाधित करने का हर संभव उपाय कर रहा है।

सर्वेक्षणो पर रोक लगाने का सुझाव जनता की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों का हनन है। यह जनता के विवेक और निर्णय लेने की क्षमता का भी सरासर अपमान है। चुनाव आयोग जनता को अपनी पंसद के प्रत्याशी अथवा दल का प्रचार करने से रोकने के लिए आदर्श आचार संहिता के नाम पर मनमानी कर रहा है। वह कैसा लोकतंत्र होगा, जिसमें नागरिकों को अपने पसंद की विचारधार, प्रत्याशी अथवा दल का प्रचार करने का अधिकार नहीं होगा?

कांग्रेस पार्टी सदैव अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को एक बड़ी बाधा मानती रही है। 1975 का आपातकाल, राजीव गांधी द्वारा समाचार प्रकाशन पर अंकुश लगाने का प्रयास और अभी सर्वेक्षणों पर रोक लगाने का समर्थन कांग्रेस के लोकतंत्र विरोधी दृष्टिकोण के उदाहरण है।


कांग्रेस विरोधी जनमत से घबरायी कांग्रेस चुनाव सर्वेक्षणों पर रोक लगा कर चुनावी वैतरणी पार करना चाहती है।