कांग्रेस
84
के
दंगों की दोषी है
1984
में
सिक्खों के विरुद्ध देश भर
में हुई व्यापक हिंसा के लिए
कांग्रेस दोषी है। तत्कालीन
प्रधानमंत्री राजीव गांधी
और उनकी सरकार नें हिंसा रोकने
के लिए त्वरित प्रयास नहीं
किए थे। विभाजन के बाद ये देश
की सबसे बड़े दंगे थे।
राहुल
गांधी दंगो एवं भ्रष्टाचार
पर देश को भ्रमित कर रहे हैं।
उनके प्रथम टीवी साक्षात्कार
में निराशा और हताशा स्पष्ट
दिख रही थी। नरेन्द्र मोदी
देश में सुशासन,
विकास
और भारत की विदेशों में दृढ़
एवं स्वाभिमानी छवि के
आधार पर समर्थन मांग रहे हैं।
जबकि कांग्रेस के युवराज
साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के
आधार अपनी नैया पार लगाना चाह
रहे हैं।
भाजपा
एक व्यक्ति की सेना नहीं है।
भाजपा में सामुहिक निर्णय,
कार्यकर्ताओं
की भागीदारी और सबको आगे आने
का अवसर सामान्य प्रथा है।
कांग्रेस अवश्य ही एक परिवार
की जागीर बन कर रह गई है। विगत
10 वर्षों
में कांग्रेस नें क्या किया,
इस
पर चुप्पी और भविष्य के लिए
वादों से देश को भ्रमित नहीं
किया जा सकता है। देश का भविष्य
कांग्रेस के हाथों में सुरक्षित
नहीं है। राहुल गांधी नें देश
के निर्माण पर कोई स्पष्ट सोच
नहीं दिखाई है।